भारत में लोग खाने के साथ-साथ अचार या फिर पापड़ का सेवन जरूर करते हैं. पापड़ या फिर अचार खाने को काफी स्वादिष्ट बना देता है. अगर किसी घर में कोई मेहमान आ जाए, तो वहाँ खाने के साथ पापड़ जरूर पहुंचता है. यही कारण है कि हमारे देश भारत में पापड़ की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है. हालांकि ऐसा नहीं है कि, लोग नया-नया पापड़ खाना शुरू किए हैं. पापड़ खाने की प्रथा कई साल पुरानी है. शुरू से ही लोग अपने खाने के साथ पापड़ खाया करते थे. आपको बता दें कि जब भी हमारे देश में पापा का नाम आता है, तो ऐसे में लिज्जत पापड़ का नाम जरूर आता है. लिज्जत पापड़ की कंपनी भारत में सबसे पुरानी पापड़ की कंपनी है.
आपको बता दें कि लिज्जत पापड़ की शुरुआत साल 1959 में हुई थी. इस कंपनी की शुरुआत 7 महिलाओं ने मिलकर की थी. आपको बता दें कि साल 1959 में 7 महिलाओं ने अपने खाली समय में एक कारोबार करने के बारे में सोचा. जिसके बाद उन्होंने सोच विचार करने के बाद पापड़ बनाने का फैसला किया. महिलाओं को अच्छी तरह से पापड़ बनाना आता था, लेकिन उनके पास यह बिजनेस शुरू करने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके बाद उन्होंने एक बड़े व्यापारी से ₹80 का उधार लिया था.
आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1959 में जिन महिलाओं ने ₹80 उधार लेकर लिज्जत पापड़ की शुरुआत की थी. आज उस पापड़ की कंपनी करोड़ों में खेल रही है. लिज्जत पापड़ की शुरुआत करने वाली महिलाओं के नाम जसवंतीबेन जमनादास पोपट, पार्वतीबेन रामदास थोडानी, उजाम्बेन नरंदादास कुंडलिया, बानुबेन एन तन्ना, लगुबेन अमृतलाल गोकानी, जयबेन वी विठ्ठलानी और दीवालीबेन लुक्का है. इन महिलाओं ने साल 1959 में लिज्जत पापड़ की शुरुआत की थी, जिसका साल 2019 में टर्नओवर 1600 करोड़ का था.
मीडिया से बात करते हुए जसवंतीबेन कहती हैं कि, “हम कम पढ़े लिखे थे, जिससे हमें नौकरी मिलने की संभावना कम हो गई थी. लेकिन हमने महसूस किया कि पापड़ बनाने की हमारी विशेषज्ञता का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए किया जा सकता है, ताकि हमारे पतियों को उनकी वित्तीय जिम्मेदारी कम करने में मदद मिल सके”. आपको बताते चलें कि ली तो पापड़ की कंपनी में केवल महिलाएं ही काम करती हैं. पुरुष को केवल ड्राइवर का काम दिया जाता है.
To get secure cheap & best deal from Flipkart, Amazon, Ajio, and Myntra then do join our Telgram group.
Discussion about this post