Sukanya Samriddhi Yojna :सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को उन्नत,उज्जवल एवं सुरक्षित बनाने के लिए समय समय पर कई प्रकार की योजनाओं का शुभारंभ किया जाता रहा है, जिनमे से कुछ बचत योजनाओं भी रही है। इन सभी बचत योजनाओं पर इनकम टैक्स छूट एवं ब्याज दर भी काफी अच्छी प्रदान की जाती है। जिससे कि लोगों को इन योजनाओं में निवेश करने के लिए बढ़ावा दिया जा सके और देश की सभी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। इसी तरह की एक योजना है सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojna) जो कि केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई थी। इस योजना के तहत जब कन्या के माता पिता या अभिभावक निवेश करते है तो, एकमुश्त राशि बेटी की शिक्षा या शादी के लिए मिलती है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कन्या के 10 वर्ष की आयु होने से पहले ही अकाउंट open करना होता है।इस योजना के तहत निवेश की न्यूनतम सीमा ₹250 रुपए है तथा अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए हैं जो कि बेटी की उच्च शिक्षा या फिर शादी के लिए खर्च की जा सकती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार निवेश पर 7.6% की दर से ब्याज प्रदान करती है। तो आइए जानते है सरकार द्वारा किए गए बदलाव के बारे में :-
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समय से पहले बंद कर सकते है अकाउंट :
इस योजना के तहत खोले गए खाते को दो ही परिस्थितियों में बंद किया जा सकता था, पहला यदि बेटी की किसी भी कारण से मृत्यु हो जाए या,बेटी के रहने का पता बदल जाए लेकिन अब यदि बेटी को कोई जानलेवा बीमारी हो जाए या उसके अभिभावक की मृत्यु हो जाए तब भी खाते को बंद किया जा सकता है।
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तीसरी बेटी का खाता खोला जा सकेगा:
पहले इस योजना के तहत पहली दो बेटियों के खाते पर ही 80C के तहत टैक्स छूट मिलती थी तीसरी बेटी पर यह छूट नहीं मिलती थी,पर अब यही एक बेटी के बाद आपको दो जुड़वां बेटियां हो जाते है तो दोनो को भी ये लाभ मिल सकेगा।
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डिफॉल्ट अकाउंट होने पर ब्याज दर नहीं बदलेंगी :
पहले अकाउंट में सालाना 250 रुपए जमा करना जरूरी था ऐसा नहीं होने पर अकाउंट को डिफॉल्ट मान लिया जाता था, पर अब यदि अकाउंट में पैसे जमा नहीं हो पाते, तो भी जो राशि उसमें है मैच्योर होने तक उस पर ब्याज मिलता रहेगा।
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18 साल की उम्र के बाद ही बेटी खाता ऑपरेट कर सकेगी:
पहले नियम था की बेटी 10 साल की होने पर खाता ऑपरेट कर सकती थी,पर अब से बेटी 18 साल की होने पार ही खाता ऑपरेट कर सकेगी।
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ब्याज को लेकर कुछ बदलाव:
ब्याज डल जाए तो उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया लिया गया है,इसके अलावा खाते का सालाना ब्याज हर साल वित्त वर्ष के आखिरी मे में क्रेडिट हो जायेगा।