5 Free Places to Visit in Delhi: हम आज आपको दिल्ली को कुछ खास और फेमस जगहों के बारे में बताएंगे जहा आप आपका वीकेंड एंजॉय कर सकते है। तो आइए जानते है;
लोधी गार्डन [ Lodhi Garden ]
लोधी गार्डन राजधानी दिल्ली (Delhi) के सफदरजंग मकबरे और खान मार्केट के पास स्थित है। यहां सैय्यद शासक मोहम्मद शाह और लोधी राजा सिकंदर लोधी की कब्रें हैं। इस लोधी गार्डन का निर्माण 15वीं शताब्दी में लोधी शासनकाल में हुआ था। इसे लेडी विलिंगडन पार्क भी कहते है।लोधी गार्डन दिल्ली 90 एकड़ के विशाल क्षेत्र में बना हुआ है। यहां आप घूमने जा सकते है।
हौज खास कॉम्प्लेक्स [ Hauz Khas Complex ]
हौज़ खास परिसर दक्षिण दिल्ली में स्थित कई इमारतों का एक संग्रह है। इसके अन्दर एक मकबरा, एक इस्लामिक गोष्ठीगृह, एक मस्जिद, एक कुण्ड और मध्यकालीन इतिहास वाले ग्रामीण परिवेश के चारों ओर कई मण्डप जैसे संरचना भी पाये जाते हैं। यहां घूमने के लिए हौज़ खास या ‘शाही कुण्ड,मदरसा या इस्लामिक गोष्ठीगृह ,फिरोजशाह का मकबरा , हिरण पार्कजैसी जगह है।
कमल मंदिर [ Lotus Temple ]
इस मंदिर को मदर टेम्पल भी कहा जाता है। कमल मंदिर भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से भी एक है। भारत ही नही दुनिया के कोने-कोने से लोग इस मंदिर की खूबसूरती को देखने आते हैं। कमल के फूल के आकार के इस लोटस टेम्पल को इसकी खूबसूरती के लिए कई सारे आर्किटेक्चरल अवॉर्ड भी मिल चुके है।
इस मंदिर में किसी भगवान की कोई भी प्रतिमा रखी गई है, ना ही यहां कोई पूजा-अर्चना होती है, लोग सिर्फ अपनी मन की शांति के लिए यहां आते हैं। लोग यहां घंटों बैठकर यहां की खूबसूरती का आनंद लेते हैं। बता दें कि भरत के इस लोटस टेम्पल को विश्व के 7 बहाई मंदिरों में से आखिरी मंदिर माना जाता है।
जामा मस्जिद [ Jama Masjid ]
दिल्ली के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल जामा मस्जिद का नाम किसने नही सुना होगा। लाल किले के सामने वाली सड़क पर पुरानी दिल्ली (Delhi) में की यह विशाल जामा मस्जिद कई वर्षो से दिल्ली की शान रही है। आज भी जामा मस्जिद में प्हर रोज हजारों की संख्या में लोग घूमने आते हैं। जामा मस्जिद मुगल शासक शाहजहां के उत्कृष्ट वास्तुकलात्मक सौंदर्य बोध का नमूना है। इस मस्जिद में एक साथ 25000 लोग बैठ कर नमाज पढ़ सकते हैं।
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इंडिया गेट [ India Gate ]
दिल्ली (Delhi) के राजपथ मार्ग बना इंडिया गेट हमारे देश के इतिहास का प्रतीक है। पहले इसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारक भी कहा जाता था। इस युद्ध स्मारक पर भारत के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। गणतंत्र दिवस पर हर साल यहां परेड निकाली जाती है। इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार के द्वारा प्रथम विश्व युद्ध 1914-1918 और 1919 में तीसरे एंग्लो-अफ़ग़ान युद्ध में शहीद हुए 80,000 से ज्यादा भारतीय सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए बनवाया गया था। इंडिया गेट की आधारशिला 10 फरवरी, 1921 को डयूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई थी। यह पूरे 10 साल में बनाकर तयार हुआ था और 12 फरवरी, 1931 को वाइसरॉय, लॉर्ड इरविन के द्वारा इंडिया गेट का उद्घाटन किया गया था।