आज से कई साल पहले सूचना को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए पोस्टकार्ड का इस्तेमाल किया जाता था. पोस्टकार्ड के बाद में जमाना टेलीफोन का आ गया. हालांकि टेलीफोन के जमाने में भी लोग पोस्टकार्ड का इस्तेमाल जरूर करते थे. लेकिन उसके बाद जमाना फ्लेक्स का आ गया. धीरे-धीरे पोस्टकार्ड पोस्टकार्ड खत्म हो गई. आज के जमाने में कोई भी सूचना या खबर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए बस कुछ सेकंड का ही समय लगता है. लेकिन आज हम आपको पोस्ट कार्ड के बारे में नहीं बल्कि, पोस्ट कार्ड से जुड़ी एक खबर के बारे में बताएंगे, जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.
यह खबर मध्य प्रदेश के शहर कटनी का है, जहाँ एक 13 वर्षीय बच्चे को कलेक्टर ने ब्रांड अंबेसडर बना दिया. उस बच्चे को ब्रांड एंबेसडर बनाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह था कि, उस बच्चे ने एक पोस्ट कार्ड का इस्तेमाल किया दरअसल पोस्ट ऑफिस में पत्रों के ढेर लगे होते हैं. कलेक्टर के पास शिकायत के ना जाने कितने पत्र हर रोज पोस्ट ऑफिस में जमा होते हैं. 1 दिन कलेक्टर साहब पोस्ट ऑफिस में जमा सभी शिकायत पत्र को देख रहे थे. तभी उनकी नजर एक पोस्टकार्ड पर पड़ी जो बाकी चिट्ठियों से बेहद अलग थी.
पोस्टकार्ड पर नजर पड़ते हैं वह कलेक्टर अपने आप को पोस्टकार्ड पढ़ने से रोक नहीं पाए. जिसके बाद उन्होंने पोस्टकार्ड पड़ा और उसके अंदर की बातें पढ़कर वह हैरान हो गए. उस पोस्ट कार्ड में एक 13 वर्षीय बच्चे ने कलेक्टर से शहर में कचरे को लेकर शिकायत की. कुछ कार्ड लिखने वाले बच्चे का नाम आशुतोष मणिक है. जिन्होंने शहर में कचरे को लेकर कलेक्टर से शिकायत की. उन्होंने पोस्टकार्ड में बताया कि शहर में गीला और सूखा कचरा एक ही जगह पर जमा हो रहा है.
आपको बताते चलें कि कलेक्टर साहब उस पोस्टकार्ड को पढ़कर उस बच्चे से मिलने की इच्छा जताई. जिसके बाद उन्होंने उस बच्चे से मुलाकात की. मालूम हो कि उस बच्चे की उम्र केवल 13 साल है और वह 9वीं कक्षा में पढ़ाई करता है. इसके बावजूद कलेक्टर साहब उस बच्चे के इस बात से इतने प्रभावित हुए कि, उस बच्चे को ब्रांड एंबेसडर बना दिया.
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